लॉक डाऊन के पहले के दिन
यू ही अपनों का रोज का रोज सुबह गुड मॉर्निंग नमस्कार कहकर होता प्रारंम्भ सभी अपने ऑफिस पहुँचते रूटीन काम कर थके हारे शाम को घर पहुँचते फिर घर में बात तक नहीं करते दिन भर मशीन की तरह काम शरीर को ठीक आराम नहीं कई बीमारियों का अड्डा बना दावा दारू करते रहे स्वास्थ्य सारा गवाते रहे बेहाल सी बनी थी जिंदगी बेरंग था सब कुछ अब कुछ रंगीन नजारा होगा ।