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Showing posts from October, 2019

पहेली

पहेली दोस्तों यह पहेली सुलझाओ  बौद्ध पिता का हिंदू स्री से उत्पन्न पुत्र हिंदू रिवाज अपनाता है । वही पुत्र बौद्ध लड़की से शादी कर हिंदू रिवाज अपनाता है । लड़का बौद्ध पिता का होकर भी, संस्कार हिन्दू मां के अपनाता हैं । वह मां के संस्कारों को ढोता है । पिसती रहती है उसकी पत्नी । जो बौद्ध है । उसने पिता के संस्कारोवाली  बौद्ध लड़की से शादी की। और घर में हिन्दू संस्कार है। द्विधा यही हैं यारो कि  इस बौद्ध लडक़ी को  कौन से संस्कार अपनाने चाहिए? क्या हिन्दू लड़के से शादी की इसलिए उसे हिन्दू के संस्कार  अपनाने चाहिए? मूल विचारों के खिलाफ वह सत्यनारायण की पूजा में बैठे? या फिर बुद्ध की विचारों को अपनाकर  त्रिशरण पंचशील का पाठ पढ़े? जब बौद्ध समाज की बात हो तो बौद्ध की बात करें। और जब हिन्दू पति के साथ हो तो गणपति की बात करें । या फिर दोनों विचारधारा को अपनाने की अनुमति  समाज उसे देगा ? करीना कपूर खान बना आसान तो है। पर  रिश्ता निभाना इतना आसान है? धर्म चाहे जात हो उस लड़की की  मानसिकता की बात हो। Dr.P M.

मानसिकता सवर्ण क्यों

मानसिकता सवर्ण क्यों? बाबा मैने देखा है क्यों ऐसा होता है? माता सवर्ण पिता दलित उत्पन्न पुत्र-पुत्री की  मानसिकता सवर्ण क्यों? दलित स्री पिता सवर्ण इनसे उत्पन्न पुत्र-पुत्री की मानसिकता सवर्ण क्यों? दलित स्री पिता सवर्ण ही इनके घरों में दलित स्री का  छल और अपमान क्यों? सवर्ण स्री दलित पति के घर में आदर और पूजा की पात्र क्यों? अंतर्जातीय विवाह से जातीयता के  बंधन कम होंगे कहाँ था आपने , सवर्ण स्री या पुरुष हमेशा  पूजा का पात्र ही क्यों? और दलित स्री या पुरुष के लिए  गम और नफरत ही क्यों? बाबा आपने कहा था कम होंगे बंधन जातीयता के अंतरजातीय विवाह से पर बदलेगी कभी मानसिकता  सवर्ण मन की, करेंगे कभी विरोध  मनुवादी व्यवस्था का! कभी उतरेगी इनके गले में आपकी दी प्रतिज्ञा  डॉ. पी एम

खेलती इश्किया

पत्थर को पूजता रहा भगवान समझकर । प्यार किया था तुमसे  इंसान समझकर । दीवानगी की हद हुई उसके मना के बाद भी बात समझ मे नहीं आयी । बुरा वक्त, बुरी संगत बुरे लोग से जीवन में दुख निर्मण होता है । दिल पे न ले दीवाने इश्क में जलते परवाने कई फूल खिलते बगियाँ में माली बनकर रखवाली कर फूलों की उसके प्यार में न पड़ ओ गुलाब की कली तू गेंंदा फूल वो खिलता कमल तू बुझता सूर्यफुल है चूहे बिल्ली का खेल खेलती ये इश्किया

पसंद हो तो

🌹 तो पसंद की पसंद थी हमारे पसंद की पसंद न थी जिसके साथ थी उसकी पसंद न थी पता नहीं साथ रही पसंद आ गया साथ रहो तो कुत्तो से भी प्यार होगा यही मेरा वादा होगा...🙏🙏🙏