प्रलय की रात्रि – सुदर्शन कहानी का सारांश
प्रलय की रात्रि – सुदर्शन कहानी का सारांश ‘प्रलय की रात्रि ’ सुदर्शन की श्रेष्ठ कहानियों में से एक है l इस कहानी में लेखक के दप्तर में जूनियर क्लर्क साधुराम है l उसका मासिक वेतन केवल पच्चीस रुपये हैं l साधुराम पूरी ईमानदारी से दिन भर अपना काम करता है l लेखक किसी कार्यवश बाहर जाते हैं तो अन्य लोग अपना काम छोड़कर बातें करने लगते, परन्तु साधुराम इसे अधर्म समझता था l वह उस समय भी अपना काम करता रहता था l साधुराम इतना भलाभालामानस था कि उसने कभी चपरासी को भी “तू” कहकर बात नहीं की l कई बार चपरासियों के काम भी स्वयं ही करता था l यह बातें लेखक को अच्छी नहीं लगती थी l इस व्यवहार पर कई बार लेखक साधुराम को डाँटते भी हैं पर साधुराम चुपचाप सुनता रहता l ऐसे उसमें अनेक गुण थे जो एक इमानदार कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति में होते हैं l वेतन थोड़ा था फिर भी उसके कपडे दूसरे व्यक्तियों से साफ होते थे l हमेशा खुश रहता था l दप्तर के कई लोग अपना काम भी साधुराम को करने के लिए कहते थे l उनका काम भी आपना काम समझकर परिश्रम और मनोवेग से करता है l इन सब गुणों के कारण साधुराम ने लेखक के दिल में जगह बनायी...