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दायरा

दायरा उनसे  रिश्ता था प्यार का और उनकी  थी दोस्ती  तुम्हारी मुझसे दोस्ती  मेरी नजर प्यार की थी   तुम्हारी ....वही दोस्ती पर प्यार नहीं था ... उम्मीद थी होगा तुम्हें भी पर नासमझ था मैं कर बैठा भरोसा तुम पर देखकर बेरुखी तुम्हारी बरसों दिल में था जो प्यार अब मिटता चला है । मजबूर हालात को देखर उतना ही चाहा...कि तुम्हें  कष्ट न हो... होता इश्क अगर दायरे में भी  होता न मिल सका दिल दिल से  प्रेम की अधूरी कहानी  रही उम्र भर  बीत गयी जवानी  लाँघ न सके दायरा 

आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास पर कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न

  आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास वस्तुनिष्ठ प्रश्न निर्धारित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की सूची  1)  हिंदी भारत दुर्दशा किसकी रचना है?  उत्तर - भारतेंदु हरिश्चंद्र 2) आधुनिक काल को गद्य काल किसने कहा है?  उत्तर आचार्य रामचंद्र शुक्ल  3) 'निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल' किसकी पंक्ति है?  उत्तर - भारतेंदु हरिश्चंद्र  प्रश्न 4 . खड़ी बोली का पहला महाकाव्य कौन सा है? - उत्तर- प्रियप्रवास  प्रश्न 5. 'ब्राह्मण' पत्रिका के संपादक कौन थे?  उत्तर -प्रताप नारायण मिश्र  प्रश्न 6. ' कलि कौतुक ' किसकी रचना है?  उत्तर - प्रताप नारायण मिश्र  प्रश्न 7. 'हिंदी प्रदीप ' के संपादक कौन थे? उत्तर -बालकृष्ण भट्ट  प्रश्न 8 . 'इतिवृत्तात्मकता' किस युग की मुख्य विशेषता है? - उत्तर - द्विवेदी युग  प्रश्न 9. 'प्लासी का युद्ध' के रचनाकार कौन थे? उत्तर -मैथिलीशरण गुप्त  प्रश्न 10. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी का पहला उपन्यास किसे माना है? उत्तर  - परीक्षा गुरु  प्रश्न 11. 'कर्मवीर' के संपादक कौन थे? उत्तर -माखनलाल चतुर्वेदी...

हिंदी साहित्य का इतिहास पर कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न

  प्रश्न 1. अवहट्ट को पुरानी हिंदी किसने कहा है?  उत्तर - चंद्रधर शर्मा गुलेरी प्रश्न 2. अपभ्रंश का वाल्मीकि किसे कहा जाता है? उत्तर- स्वयंभू प्रश्न 3. 'पहुड दोहा' किसकी रचना है? उत्तर - रामसिंह जैन प्रश्न 4. आदिकाल को सिद्ध सामंत काल किसने कहा ? उत्तर - राहुल संकृत्यायन प्रश्न 5. 'भविसयत्तक' के रचनाकार कौन हैं? - उत्तर – धनपाल प्रश्न 6. 'खालिकबारी' के रचनाकार का नाम बताइए - उत्तर- अमीर खुसरो प्रश्न 7. 'देसिल बयना सब जन मिट्ठा' किसकी पंक्ति है?- उत्तर- विद्यापति प्रश्न 8. 'परमाल रासो' किस नाम से लोकप्रिय है? उत्तर -अल्लाह खंड या अल्लाह रासो प्रश्न 9. किस कवि को 'अभिनव जयदेव' की उपाधि मिली थी?  उत्तर - विद्यापति  प्रश्न 10. आदिकाल में चर्यापदों की रचना किसने की? उत्तर - सरहप्पा/ सरहपाद  प्रश्न 11. ‘संध्या भाषा’  में किसकी रचनाएं मिलती है?  उत्तर -  सिद्ध और नाथों की प्रश्न 12. गार्सा द तासी ने किस भाषा में हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा?  उत्तर - फ्रेंच भाषा में  प्रश्न 13. वर्ण रत्नाकर किसकी रचना है?  उत्तर -  ज्योतिरीश्वर ठाकुर ...

भारतेन्दु युगीन कविता की प्रवृत्तियाँ एवं प्रमुख कवि परिचय

हिंदी कविता साहित्य की प्रवृत्तियाँ     भारतेंदु युग (१८५७   – १९००) प्रस्तावना :- हिंदी साहित्य के इतिहास के आधुनिक काल का आरम्भ भारतेंदु के समय से माना जाता है | भारतेंदु का जन्म १८५० में हुआ था | उसके कुछ समय बाद १८५७ ई. से आधुनिक काल का आरंभ हुआ | साहित्य के काल विशेष का आरम्भ एक साथ नहीं हो जाता | फलतः जो काव्य-प्रवृत्तियाँ अपने नवीन रूप में भारतेंदु के समय में उभरकर आयी वे अपने साथ रीतिकाल के अंतिम चरण को भी समाहित किये हुए थी | इसलिए हमें भारतेंदु युग में रीतिकालीन काव्य की प्रवृत्तियाँ और नवीन प्रवृत्तियाँ  दोनों की निहिति मिलती हैं | भारतेंदु युग जागरण का युग रहा है | उसमें नयी सामाजिक चेतना उभरकर आयी है | नूतन विषयों से सम्बन्ध रखने वाली और तत्कालीन समाज के रूप को व्यक्त करने वाली वाणी पहली बार इसी युग में मुखरित हुई है | इस नवोत्थान के अग्रदूत के रूप में भारतेंदु आये l इसलिए इस समय को भारतेन्दु युग के नाम से अभिहित किया गया है | भारतेन्दु युगीन कवि को जनता को दो दृष्टियों से जागरुक करना था | एक राजनैतिक दृष्टि से और दूसरा सामाजिक दृष्टि से ...

राम भक्ति काव्य की सामान्य विशेषताएँ एवं प्रमुख कवि

सगुण भक्ति काव्य  राम भक्ति काव्य की सामान्य विशेषताएँ एवं प्रमुख कवि परिचय भक्ति काव्य का जो स्रोत दक्षिण में बहां उसने उत्तर भारत को सराबोर कर दिया । शंकराचार्य के मायावाद के विरोध में भक्ति का समर्थन करने वाले आचार्य में रामानुजाचार्य अपना विशिष्ट महत्व रखते हैं उन्होंने उत्तर में आकर भक्ति का प्रचार के लिए जो पीठ स्थापित किए उनमें काशी प्रमुख था । रामानुजाचार्य ने वैष्णव संप्रदाय की स्थापना की। उस के प्रधान आचार्य काशी में राघव आनंद थे। रामानंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया रामानंद 14 वी शताब्दी में भक्ति के प्रचार का अद्भुत कार्य किया। इसीलिए यह बात प्रसिद्ध हो गई कि "भक्ति द्राविड़ी उपजे लाए रामानंद ।" भक्ति के विकास के बारमें 'पदम पुराण' के 'भक्ति समागम' खंड से एक श्लोक है "जिसे विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध धार्मिक एवं साहित्यिक परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली सारवान रचना के रूप में ग्रहण किया जा सकता है । भक्ति एक स्री के रूप में अपने विकास के विभिन्न चरणों में भारत भर में विचरण करती है l वह कहती है : "मैं द्रविड़ देश में जन्मी । मैं पाली-बढ़ी कर्नाटक...

हिंदी उपन्यास अर्थ, परिभाषा और विकास-क्रम

  हिंदी उपन्यास का विकास-क्रम   हिंदी साहित्य के विभिन्न विकासात्मक आधुनिक युग को गद्य  के रूप में पहचाना जाता है । हिंदी साहित्य के विकास में आधुनिक काल महत्वपूर्ण रहा है । यह यु ग गद्य की प्रतिष्ठा के रूप में पहचाना जाता है । इस युग में हिंदी साहित्य के अन्य विधाओं के साथ ही उपन्यास की भी रचना हुई । आधुनिक युग में गद्य की नवीन विधा एं निर्माण हुई । उनमें उपन्यास विधा पाठकों के दृष्टि से महत्वपूर्ण रही है । इसके संबंध में विचार करने पर उपन्यास शब्द की उत्पत्ति देखना आवश्यक हो जाता है । उपन्यास शब्द की उत्पत्ति   उप+ न्यास = उपन्यास इस तरह से हुई है । उ प का अर्थ है ' समीप ' ( नजदीक ) और ' न्यास ' का अर्थ है ' वस्तु ' । इसे एकत्रित करने पर इसका अर्थ हुआ समीप   रखी हुई वस्तु । अर्थात ऐसी वस्तु जो अपने निकट रखी गई हो । अंग्रेजी में इसे नॉवेल शब्द है । यह लैटिन भाषा से आया हुआ है । उपन्यास के लिए प्रचलित रहा है । इतना ही नहीं संस्कृत अंग्रेजी कोश में भी कथा , परीकथा , आख्यान आदि शब्द प्रोयोग हुए हैं । गुजराती में इसे ' नवलक...