प्राचार्य

शायद आप जानते हो
प्राचार्य नामक पद को
उस व्यक्ति के कार्य को
जानते हो शायद आप 
नाम पद के जो भी हो
वहाँ बैठा कौन हैं?
आपको मतलब उससे होगा
मुझे उसके काम से होगा
विविध धर्मिता देश में 
विविध जातियों में फैले
 लोगों के
शायद मतलब अनेक होंगे ।

प्राचार्य इस जीव की जान
संस्था चालक के हाथ होती है
संस्था चालक वही है
जो गाँव में जमींदार थे
ठाकुर, ठेकेदार थे
ये लोग गाँव में कौन थे?
शायद आप जानते हो

कठीन नहीं प्राचार्य को जानना भी
ये वहीं जीव है अधिकतर 
जो मंदिरों में पूजा-पाठ करता है
सभी धार्मिक कर्मकांड करता है
तुम्हारे जन्म से लेकर मृत्यु तक
शिक्षा से लेकर अवकाश प्राप्ति तक
तुम्हारे जीवन में सर्वदा मौजूद है
खोकला कर रहा है घुन की तरह
योगों-युगों से तुम्हारे बच्चों को
तुम्हारे बच्चों के भविष्य को
खड़ा है तुम्हारे बच्चों के सामने
द्रोणाचार्य के अनेक रूपों में
छीन रहा है हक रूप बदलकर
आधुनिकता में अग्रेस यही है
मैनेजर, सचिव, न्यायाधीश, 
मंत्री, संतरी, सांसद 
सब यही लोग तो हैं 
शायद आप जानते हो ।

शिक्षक यह वह जीव है 
जिसने कठिन पढ़ाई की
आपने को काबिल बनाया
काबिल होने का प्रमाण-पत्र
प्राचार्य को बार-बार दिखाया
एकलव्य सी विद्या पर भी
यह संशय व्यक्त करता है ।
यही रोकता है पदोन्नति
कुटिल व्यवहार करता है
बहुजन दलितों के साथ
जो इन संस्थओं में 
नौकरी करता है ।
ऐसे अनेक सताये गये
कर्मचारियों को
शायद आप जानते हो ।





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