मिलावट
रेशन दुकान में
सरकारी, ग़ैरसरकारी
कार्यालय में
बाजारों में होटलों में
कोर्ट कचहरीयों में
प्यार और रिश्तो में
इंसान की नजर में
दूध की गागर में
तेल और घी में
दाल, चावल, और नमक में
फल-सब्जी खान-पान में
मां और बेटे के रिश्ते में
पति और पत्नी के प्यार में
प्रेमी प्रेमिका के इकरार में
हर एक के संबंधों में
गली मोहल्ले में
हर कोई मिलावट करता है
सरकारी विकास पैदा नहीं होता
जिससे सड़कें गल जाती है
पुल गिर जाते है
रिश्ते, नाले ऊंची इमारतें गिर जाती हैं
सरकारी वादों में मिलावटी ही मिलावट है
सरकारी, ग़ैरसरकारी
कार्यालय में
बाजारों में होटलों में
कोर्ट कचहरीयों में
प्यार और रिश्तो में
इंसान की नजर में
दूध की गागर में
तेल और घी में
दाल, चावल, और नमक में
फल-सब्जी खान-पान में
मां और बेटे के रिश्ते में
पति और पत्नी के प्यार में
प्रेमी प्रेमिका के इकरार में
हर एक के संबंधों में
गली मोहल्ले में
हर कोई मिलावट करता है
सरकारी विकास पैदा नहीं होता
जिससे सड़कें गल जाती है
पुल गिर जाते है
रिश्ते, नाले ऊंची इमारतें गिर जाती हैं
सरकारी वादों में मिलावटी ही मिलावट है
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