शहरनामा

ऊँची बहुमंजिला इमारतें
बड़ी-बड़ी सड़कें ट्रैफिक जाम
रास्ता नहीं ना आगे न पीछे
चलना मुश्किल, रुकना मना है
रुकोगे तो धक्का खाओगे
इधर-उधर ताकना
सुंदरियों को देखना मना है ।
क्रम से हटकर कतार से छूटकर
बच नहीं पाओगे
शहर के घर
दरवाजा बंद जिंदगी
मिलते नहीं पड़ोसी सालोंसाल
पड़ोसी है भी पता नहीं
जीवित है या मर गया है
मरने के बाद होता है पता बदबू से
सड़ जाती है लाश महीनों अकेले की
 तब तक आयी पुलिस दागी सवालों पर सवाल
मौत इंसान की
जानवर से भी बदतर होती है शहर में
फिर भी हैरानी की बात नहीं
पढ़े लिखे हैं हम, प्रगतिशील है
पड़ोसी धर्म निभाने में फैल है हम

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